Rajasthan Cabinet approved bill to bring coaching institutions under legal framework

Rajasthan Cabinet News: राजस्थान मंत्रिमंडल ने राज्य के कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने और विद्यार्थियों को सुरक्षित एवं उनके अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025’ का मसौदा केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं और विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया. राज्य में 50 या उससे अधिक विद्यार्थियों वाले कोचिंग संस्थान कानूनी जांच के दायरे में आएंगे.

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कोचिंग संस्थानों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय पोर्टल स्थापित किया जाएगा और विद्यार्थियों की ‘काउंसलिंग’ के लिए एक हेल्पलाइन नंबर और राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी.

मंत्रिमंडल ने राज्य की कौशल विकास नीति को भी मंजूरी दी जिसका उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों की मांगों को पूरा करने के लिए युवाओं को विशेष कौशल में प्रशिक्षित करना है. यह नीति राज्य के औद्योगिक विकास में मदद करेगी और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का आधुनिकीकरण किया जाएगा और उन्हें नवीनतम उद्योग आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाएगा.

कौशल प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए सभी संभागीय मुख्यालयों में ‘मॉडल करियर’ केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो करियर संबंधी परामर्श, इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे. मंत्री ने कहा कि इस नीति के तहत एआई, मशीन लर्निंग, स्मार्ट विनिर्माण और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय औद्योगिक स्थलों में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे और इन उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा.’ पटेल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नीति में कौशल उन्नयन कार्यक्रमों पर जोर दिया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि श्रमिक बदलते औद्योगिक वातावरण के अनुकूल स्वयं को ढाल सकें.

मंत्रिमंडल ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर नीति को भी मंजूरी दी, जो दिव्यांगजन (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप है. इस नीति को राज्य सरकार के नियंत्रण में आने वाले सभी सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों और संस्थानों में लागू किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘यह नीति सरकारी कार्यालयों में बाधा रहित पहुंच सुनिश्चित करती है और दिव्यांग कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करती है.’’

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